नई दिल्ली | रूस और यूक्रेन के बीच 13 दिन से युद्ध जारी है। लोग लगातार युद्धग्रस्त यूक्रेन से पलायन कर रहे है। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 10 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं। जिनमें सबसे ज्यादा बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। रूस की बमबारी से बचने के लिए Ukraine के एक 11 साल के बच्चे ने स्लोवाकिया तक अकेले 700 मील का सफर तय किया। जो अपने आप में एक मिसाल है।
बच्चे ने तय किया 700 मील का सफर
द गार्डियन में छपी खबर के मुताबिक Yulia Pisetskaya नाम की महिला ने अपने 11 साल के बेटे को जेपोरिजजिया से स्लोवाकिया के लिए एक ट्रेन में बैठाया था। बच्चे के पास केवल एक प्लास्टिक बैग, पासपोर्ट और एक टेलीफोन नंबर था। जिसके सहारे उसने 700 मील का सफर तय किया। महिला खुद सफर नहीं कर सकती थी, क्योंकि उसकी तबीयत खराब थी। साथ ही उसे अपनी दिव्यांग मांग की देखभाल भी करनी थी। बच्चे के सुरक्षित स्लोवाकिया पहुंचने पर Yulia Pisetskaya काफी खुश हैं।
रविवार को फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में Pisetskaya ने कहा – “मैं बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मेरे बच्चे की जान बचाई। आपके छोटे से देश में बड़े दिल वाले लोग हैं।”
इतनी लंबी यात्रा के दौरान स्लोवाकिया के बॉर्डर गार्ड ने बच्चे की मदद की।
बच्चे के स्लोवाकिया पहुंचने पर पुलिस ने उसे ‘नायक’ बताया है। बच्चे के हाथ पर स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा में रहने वाले उसके रिश्तेदार का फोन नंबर लिखा था। जिसके जरिए पुलिस उन तक पहुंच सकी। इस दौरान पुलिस ने बच्चे को अपनी निगरानी में रखा और उसकी अच्छे से देखभाल की।
बच्चे की मां ने आगे कहा कि – “मैं एक विधवा हूं और मेरे और भी बच्चे हैं. मैं स्लोवाक रीति-रिवाजों और स्वयंसेवकों को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने मेरे बेटे की देखभाल की और उसे सीमा पार करने में मदद की. मैं आभारी हूं कि आपने मेरे बच्चे की जान बचाई. मेरे शहर के बगल में एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र है जिस पर रूसी शूटिंग कर रहे हैं. मैं अपनी मां को नहीं छोड़ सकती. वह अपने आप चल नहीं सकती है.”
स्लोवाकिया के गृह मंत्रालय ने फेसबुक पर कहा – “लड़के ने अपनी मुस्कान, निडरता और दृढ़ संकल्प से सभी का दिल जीत लिया है. वो एक असली नायक कहे जाने के योग्य है। अधिकारियों ने उसे सर्दी से बचाया और गर्म रखा. उसे खाने-पीने की चीजें मुहैया कराईं।”
बच्चे के स्लोवाकिया पहुंचने पर अधिकारियों ने कहा कि – “हाथ पर फोन नंबर और कमर में कागज के एक टुकड़े के कारण बच्चा अपने परिजनों से संपर्क करने में कामयाब रहा, जो बाद में उसे लेने के लिए आए. और इस तरह पूरी कहानी का सुखद अंत हुआ.”
रूसी सैनिकों ने बीते शुक्रवार को यूरोप के सबसे बड़े जेपोरिजजिया परमाणु पावर प्लांट पर हमला कर इस पर कब्जा कर लिया था।
बच्चे के स्लोवाकिया पहुंचने पर अधिकारियों ने कहा – “हाथ पर फोन नंबर और कमर में कागज के एक टुकड़े के कारण बच्चा अपने परिजनों से संपर्क करने में कामयाब रहा, जो बाद में उसे लेने के लिए आए. और इस तरह पूरी कहानी का सुखद अंत हुआ.”
रूसी सैनिकों ने बीते शुक्रवार को यूरोप के सबसे बड़े जेपोरिजजिया परमाणु पावर प्लांट पर हमला कर इस पर कब्जा कर लिया था.