नई दिल्ली | कांग्रेस को एक बड़ा झटका देते हुए, अदालत द्वारा राहुल गांधी को उनकी ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर दोषी ठहराए जाने के बाद, अब लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है। उनकी इस अयोग्यता की अधिसूचना तब आती है जब कांग्रेस पहले से ही राष्ट्रीय स्तर पर चुनावी रूप से बैकफुट पर है और उसने अपने कई वरिष्ठ नेताओं को पार्टी छोड़ते देखा है।
अदालत ने गुरुवार (24 मार्च) को राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी ठहराया और दो साल कैद की सजा सुनाई। हालाँकि, अदालत ने 30 दिनों के लिए सजा को निलंबित कर राहुल को ज़मानत भी दे दी, जिससे उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने का वक़्त मिल गया।
अब आगे अगर राहुल गांधी उच्च न्यायालय में केस जीत जाते हैं तो सजा से बच सकते हैं।
EC ( भारतीय निर्वाचन आयोग ) कर सकता है उपचुनाव की घोषणा
राहुल की अयोग्यता के बाद अब वायनाड लोकसभा क्षेत्र अब खाली हो गया है। इस खाली जगह को भरने के लिए भारत निर्वाचन आयोग अब उपचुनाव की घोषणा कर सकता है।
6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक की तलवार
यदि गुजरात न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले पर रोक नहीं लगाई जाती है या इसे किसी भी उच्च न्यायालय द्वारा पलटा नहीं जाता है, तो राहुल अगले छह वर्षों के लिए चुनाव लड़ने का अवसर खो सकते है। कानून के नियमों के मुताबिक उन्हें अगले आठ साल तक चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार एक व्यक्ति को किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है और कम से कम दो साल के कारावास की सजा सुनाई जाती है (उप-धारा (1) या उप-धारा में निर्दिष्ट किसी भी अपराध के अलावा) (2)) इस तरह की सजा की तारीख से अयोग्य घोषित किया जाएगा और उसकी रिहाई के बाद से छह साल की एक और अवधि के लिए अयोग्य बना रहेगा।
इसलिए वह 2024 के लोकसभा चुनाव सहित अगले आठ वर्षों तक चुनाव लड़ने के योग्य नहीं होंगे।
राहुल का बंगला !
चूंकि वह अब लोकसभा के सदस्य नहीं हैं, इसलिए राहुल गांधी को अब सरकार द्वारा केंद्रीय दिल्ली सरकार का बंगला खाली करने के लिए भी कहा जा सकता है।