मुख्तार अंसारी को आजीवन जेल की सजा, 32 साल पुराने इस केस में हुए दोषी करार

उत्तर प्रदेश | जेल में बंद मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश के वाराणसी एमपी एमएलए कोर्ट ने 32 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुना दी है. इसके साथ ही मुख्तार अंसारी पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। पांच बार के विधायक अंसारी पर 1991 में कांग्रेस नेता की हत्या का आरोप लगा था।

31 साल पुराने मामले में मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से वर्चुअली पेश किया गया. जबकि केस के अन्य आरोपी कोर्ट में फिजिकली पेश किए गए. इस दौरान कचहरी परिसर के अंदर और बाहर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही. वहीं पुलिस की गुप्तचर शाखा ने मुख्तार के करीबियों की सूची बनाकर उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखा.

3 अगस्त 1991 को कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अजय राय के भाई अवधेश राय की वाराणसी में अजय राय के घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में आरोपी पूर्व विधायक अब्दुल कलाम और कमलेश की मौत हो चुकी है, अन्य आरोपी जेल में बंद हैं।

वाराणसी एमपी एमएलए कोर्ट ने 19 मई को बहस के बाद सुनवाई पूरी की थी और अपना आदेश सुरक्षित रखा था। कोर्ट ने फैसला सुनाने की तारीख 5 जून तय की थी।

बता दें कि पांच बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी पहले ही अपहरण और हत्या के एक अन्य मामले में 10 साल की जेल की सजा काट रहे हैं। उन्हें अप्रैल में दोषी ठहराया गया था।

बता दें कि इससे पहले अप्रैल में गाजियापुर की एक अदालत ने अंसारी को 2007 में गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स एक्ट मामले में दोषी ठहराया था और 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। यह चौथा मामला है जिसमें अंसारी को दोषी करार दिया गया है।

अवधेश राय हत्याकांड की जांच
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थित चेतगंज थाना क्षेत्र के लहुराबीर इलाके में 3 अगस्त, 1991 को अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कांग्रेस नेता अजय राय ने आरोप लगाया था कि हथियारबंद हमलावरों ने उनके भाई अवधेश राय को दिनदहाड़े गोली मार दी थी। घायल अवस्था में उन्हें कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

घटना को लेकर मृतक के भाई और पूर्व विधायक अजय राय ने मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, राकेश न्यायिक समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में इसकी जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई थी। 31 साल पुराने इस मामले में अभियोजन और गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद मुख्तार को उम्र कैद की सजा सुनाई।

हत्या के समय मुख्तार अंसारी विधायक नहीं थे। जब केस में फैसला आया तो भी वह विधायक नहीं हैं।

अवधेश राय हत्याकांड मामले की जांच सीबी-सीआईडी ​​को सौंपी गई थी। दिलचस्प बात यह है कि जून 2022 में मामले की सुनवाई के दौरान पता चला कि केस डायरी गायब हो गई है। फोटोकॉपी के आधार पर पूरे मामले की सुनवाई हुई। यह पहला मामला है जहां डुप्लीकेट पेपर के आधार पर फैसला सुनाया गया है।

 

 

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