नई दिल्ली | जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर केस में गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है. कोर्ट ने मुख्तार को 10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.
कृष्णानंद राय हत्याकांड से जुड़ा मामला
यह मामला साल 2005 में हुए बीजेपी के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से संबंधित है. यह वारदात मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के बसनिया चट्टी पर अंजाम दिया गया था. बताया जाता है कि मुख्तार अंसारी के गैंग ने पहली बार इस वारदात में AK-47 का इस्तेमाल किया था.
इस वारदात में कृष्णानंद राय को घेरकर चारों ओर से गोलीबारी की गई थी. इसमें विधायक का पूरा शरीर छलनी हो गया था. इस मामले में विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. यह सभी लोग किसी कार्यक्रम में शामिल होकर अपने घर लौट रहे थे.
इस मामले में मोहम्मदाबाद थाने की पुलिस ने माफिया डॉन मुख्तार अंसारी, उसके भाई और बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी समेत अन्य के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया था.
साल 2007 में दर्ज हुआ था गैंगस्टर का मामला
बता दें कि विधायक कृष्णानंद राय हत्या से पहले अंसारी बंधुओं पर 1996 में चंदौली के कोयला व्यवसायी नंदकिशोर रूंगटा अपहरण कांड को भी अंजाम देने का आरोप है. इन्हीं दोनों मामलों को जोड़ते हुए गाजीपुर पुलिस ने इन दोनों बदमाशों के खिलाफ साल 2007 में गैंगस्टर का मामला दर्ज करते हुए इनका गैंग चार्ट बनाया था. इसके बाद साल 2012 में एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई थी.
इस मामले में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में एक अप्रैल को ही सुनवाई पूरी हो गई थी. इसके बाद कोर्ट ने 29, अप्रैल को अपना फैसला सुनाया है.
हत्याकांड मामले में पहले ही बरी हो चुका है मुख्तार
बता दें कि कृष्णानंद राय की 2005 में हुई हत्या के मामले में 2019 में कोर्ट ने दोनों भाइयों को बरी कर दिया था. जबकि नंदकिशोर रूंगटा की हुई हत्या के मामले में 2001 में मुख्तार अंसारी बरी हो गया था.