मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विवाह भारतीय संस्कृति में एक संस्कार है। यह जन्म जन्मांतर तक चलने वाला पवित्र बंधन है। यह केवल वर-वधु को एक कर देने वाला संस्कार भर ही नहीं बल्कि दो परिवारों अलग-अलग संस्कृति, संस्कारों तथा परम्पराओं को एकाकार कर देने वाला महत्वपूर्ण संस्कार है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज इंदौर एयरपोर्ट के ओल्ड टर्मिनल में बने वीडियों कॉन्फ्रेसिंग कक्ष से दमोह जिले के तेदुंखेड़ा में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत आयोजित सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित किया। इस मौके पर केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग की राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर तथा उत्तरप्रदेश के विधान परिषद के सदस्य डॉ. महेन्द्र सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने सामूहिक विवाह समारोह के नवदंपतियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने नवदंपतियों के सुखमय तथा खुशहाल जीवन की कामनाएं की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर एक माता-पिता को अपनी बिटिया के विवाह की चिंता से मुक्त करना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत विवाह करने वाली बिटिया को 55 हजार रुपये की मदद दी जा रही है। उन्होंने समाज से आग्रह किया कि वे विवाह के दौरान होने वाली कुरीतियों को दूर करें और समाज को आडम्बरों से मुक्त रखें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत होने वाले विवाह समारोह सामाजिक सद्भाव के अनुपम अनुष्ठान भी बन रहे हैं, यहां जहां एक ओर विवाह हो रहें हैं वहीं निकाह भी कराये जा रहे है। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को पराया नहीं बल्कि अपना समझा जाये।