मध्य प्रदेश | बीमार पत्नी की मौत के बाद मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में पति ने शव को घर के अंदर ही दफना दिया। खबर फैलते ही मोहल्ले में हड़कंप मच गया। प्रशासन ने मौके पर पहुँच कर शव को निकलवाया और विधि विधान से शमशान घात में दफ़न करवाया।
लंबे समय से बीमार चल रहीं वार्ड नं 14 निवासी शिक्षक ओंकार दास मोंगरे की पत्नी रुक्मणि की मौत 23 अगस्त की सुबह अस्पताल में हुई। अंतिम संस्कार किम तैयारियां शुरू कर चुके परिजनों के सामने पति ओंकार दास ने घर के अंदर ही शव दफनाने की जिद पकड़ ली और घर के सामने स्थित कमरे में गड्ढा खोदकर शव को दफना दिया।
इस बात की जानकारी जैसे ही आसपास के लोगों को लगी वे आक्रोशित हो गए। स्थानीय लोगों का कहना था कि मोहल्ले की महिलाएं व बच्चे इस घटना से काफी डरे सहमे हुए हैं, लिहाजा शव को श्मशान घाट में दफनाया जाए। मोहल्ले के लोग रात में ही कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गए और प्रशासन से इस मामले में दखल देने की मांग करने लगे।
पुलिस प्रशासन ने घर के अंदर से निकलवाया शव
गौरतलब यह है कि मृतका पनिका समाज से है और पनिका समाज में शव को घर के अंदर दफनाने की परंपरा है। मृतका का पति भी प्रशासन को परंपरा का हवाला दे रहा था लेकिन लोगों के विरोध को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने शव को घर के अंदर से निकलवा कर श्मशान में दफ़न करवाया।
डिंडोरी कोतवाली टीआई सीके सिरामे ने बताया कि वार्ड क्रमांक 14 से 23 अगस्त की सुबह एक महिला के शव को घर में ही दफनाए जाने की जानकारी मिली थी। आसपास के लोगों को ऐतराज था और उन्होंने थाने में आकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंचे। राजस्व विभाग के अधिकारियों और नगर पंचायत के अधिकारियों को भी इस मामले से अवगत कराया गया। 24 अगस्त को शिक्षक के घर पहुंचे. परिजनों को समझाकर शव को पहले घर से निकलवाकर श्मशान घाट में दफनाया गया है।
लंबे समय से बीमार चल रही थी महिला
टीचर के भांजे जगपाल ने बताया कि मामी लंबे समय से बीमार थीं। 23 अगस्त की सुबह उनका निधन हुआ जिसके बाद मामा ओंकार दास मोंगरे ने जाति-समाज की परंपरा के अनुसार घर के आंगन में ही उनका विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार करवाया. दोनों के कोई बच्चा नहीं था। वो चाहते थे कि उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार घर में ही हो। वह हमेशा के लिए अपनी पत्नी के साथ रहना चाहते थे।