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Lucknow News : टैक्स कमिश्नर की पत्नी पर GST चोरी का आरोप क्योंकि मामला ज्वाइंट कमिश्नर की पत्नी का है तो शिकायत मिलने के बाद भी टैक्स डिपार्टमेंट के सारे अधिकारी कार्रवाई करने से बच रहे हैं।

उत्तर प्रदेश | जीएसटी विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर की पत्नी पर टैक्स चोरी का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि लखनऊ मुख्यालय में तैनात राजेश प्रताप सिंह चंदेल की पत्नी गीतिका सिंह ट्यूलिप किड्स फ्रेंचाइजी की स्कूल चलाती है। इसके लिए वह हर साल फ्रेंचाइजी को 25 लाख रुपए का भुगतान करती है। अब इस 25 लाख रुपए पर जीएसटी टैक्स उनकी तरफ से नहीं दिया जाता है। बताया जा रहा है कि पिछले काफी साल से यह खेल चल रहा है। इसकी विभागीय शिकायत की गई लेकिन पत्नी के रसूख की वजह से वहां भी गलत रिपोर्ट तैयार कर दी गई। अब इस पूरे मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ के यहां लिखित शिकायत कर गुहार लगाई गई है।

गोमती नगर के विशाल खंड निवासी वंदना तिवारी ने लिखित शिकायत में बताया है कि विभाग से रजिस्ट्रेशन भी प्राप्त नहीं किया गया है। क्योंकि मामला ज्वाइंट कमिश्नर की पत्नी का है तो शिकायत मिलने के बाद भी टैक्स डिपार्टमेंट के सारे अधिकारी कार्रवाई करने से बच रहे हैं। वंदना तिवारी ने मुख्यालय की एडिशनल कमिश्नर भारतीय योगेश पर भी आरोप लगाया है कि उनकी तरफ से विभाग को भ्रमित किया गया है। उनको विभाग की तरफ से इस मामले में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने अपनी वह रिपोर्ट भी गलत दी है।

बताया जा रहा है कि भारतीय योगेश ने तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया है। इसमें उनकी तरफ से जांच खारिज कर दिया गया था। इसके पीछे दलील दी गई थी जो शिकायत है उसमें स्कूल का कोई एड्रेस नहीं है। जबकि शिकायत में उनके आयकर की डिटेल, पैन नंबर और पता उपलब्ध कराया था। वंदना तिवारी ने एडीशनल कमिश्नर भारतीय योगेश की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने गूगल और विभागीय पोर्टल पर स्कूल की तलाश की, जबकि शिकायती पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा गया था कि यह विवरण आयकर रिटर्न में घोषित है। ऐसे में आयकर विभाग से इसकी सूचना क्यों नहीं मांगी गई।

वंदना तिवारी ने एडीशनल कमिश्नर भारती योगेश पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह गीतिका सिंह चंदेल द्वारा की जा रही टैक्स चोरी का समर्थन कर रही हैं। इतने सारे सबूतों के बावजूद भी इस मामले का बंद कर दिया गया। सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।

वंदना तिवारी ने कहा है कि इतने प्रमाणों और आयकर में घोषणा के बाद भी स्कूल अस्तित्व में नहीं मिलता है तो यह मनी लॉन्ड्रिंग की श्रेणी में आता है। ऐसे में यह बेहद गंभीर मामला है जिस पर एफआईआर किया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी मांग की है कि फ्रेंचाइजी देने वाली संस्था पर भी टैक्स चोरी की संभावना है। ऐसे में उस संस्था की भी जांच की जाए।

ज्वाइंट कमिश्नर राजेश प्रताप सिंह चंदेल पर इसके पहले भी साजिश करने के कई गंभीर आरोप लग चुके हैं। वंदना तिवारी इसी विभाग से रिटायर हुइ है। उन्होने पहले भी राजेश सिंह पर आरोप लगाए है। बताया कि वंदना तिवारी ने राजेश प्रताप सिंह चंदेल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनसे ‘अच्छे रिटायरमेंट’ के नाम पर 5 लाख रुपए मांगे थे। वंदना तिवारी ने बताया कि उन्होंने जब राजेश प्रताप सिंह की डिमांड पूरी नहीं की तो उनके खिलाफ 12 साल पुराना एक प्रकरण खोल दिया गया था । उस मामले में एक महिला ने फर्जी प्रपत्रों के आधार पर आरोप लगाया था। जिसकी जांच महिला आयोग द्वारा की गई थी। जांच में अनियमितता नहीं पाए जाने पर केस को खत्म कर दिया गया था।

वंदना तिवारी ने आरोप लगाया कि रिटायरमेंट के बाद साजिश कर मुझे बुढ़ापे में परेशान किया जा रहा है। उन्होंने इस संबंध में गोमतीनगर थाने पर एफआईआर दर्ज किए जाने की भी अपील की है। उन्होंने अपने शिकायत पत्र में राजेश प्रताप सिंह चंदेल के अलावा अयोध्या के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 सूर्य नारायण सिंह, वाणिज्य कर मुख्यालय के एडीशनल कमिश्नर (विधि) एसके राय, वाणिज्य कर मुख्यालय में डिप्टी कमिश्नर (परिवाद) के पद पर तैनात रहे शिशिर प्रकाश पर उत्पीडऩ किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले में चारों साजिशकर्ता ऊपर कार्रवाई किए जाने की भी मांग की है।

 

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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