नई दिल्ली | दबे पांव दिल्ली पहुंची बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सुर कुछ बदले-बदले लग रहे हैं। आम तौर पर नीति आयोग कि बैठक से दूरी बना कर रखने वाली ममता बनर्जी न सिर्फ बैठक में शामिल होगी बल्कि पीएम मोदी से मुलाकात भी करेंगी। उनका प्रोग्राम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का भी है। वह दिल्ली में चार दिन रूकेंगी और विपक्ष के नेताओं से भी मुलाकात करेंगी। अभी यह साफ नहीं हुआ है कि वह सोनिया गांधी से मिलेंगी या नहीं। पश्चिम बंगाल में इस समय, स्कूल सेवा आयोग मामले में ईडी की कार्रवाई चल रही है।
सवाल बड़ा तो है ही लाजमी भी है। आखिर ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे का मकसद क्या है? क्या वह बंगाल में ईडी के छापों से विचलित है? क्या ममता बनर्जी राहुल-सोनिया के दुख को साझा करने पहुंची है? या फिर वह एक तीर से कई निशाने लगाकर 24 के संग्राम की क्वीन बनने के रास्त को साफ करने पहुंची है? क्योंकि राजनीतिक शतरंज की बिसात पर हर चाल का अपना महत्व होता है। यह खेलने वाला तय करता है कि उसे प्यादे को कब आगे बड़ाना है और वजीर को कब पीछे हटाना है।
– गुरूवार शाम ममता बनर्जी ने सबसे पहले की टीएमसी सांसदों से मुलाकात।
– शुक्रवार को वह विपक्षी नेताओं से मिलेंगी और भविष्य की रणनीति पर बात होगी।
– ममता दीदी पीएम मोदी से भी मुलाकात करेंगी। वह अपने राज्य के विभिन्न मुददों को पीएम के सामने रखेंगी।
– 7 अगस्त को वह नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगी।
मौजूदा हवा का रूख विपरीत है, ममता ने बंगाल चुनाव में बीजेपी चुनावी मैनेजमेंट को ताजा-ताजा पटखनी दी है। अब ममता उस पटखनी के दर्द को मलहम लगा कर कुछ कम करना चाहती है। इसीलिए वह न सिर्फ नीति आयोग की बैठक में शामिल होगी बल्कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति से भी मुलाकात कर शुभकामनाएं देगी।