प्रयाग भारत, केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन बिल को लोकसभा में पेश कर दिया है। इस बिल को पेश करते हुए सरकार ने वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और उनकी देखरेख को लेकर नए प्रावधानों का प्रस्ताव किया है। हालांकि, इस बिल का विरोध करते हुए AIMIM के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। ओवैसी ने बिल की कॉपी को फाड़कर इसका विरोध किया और इसे संविधान के खिलाफ बताया।
ओवैसी ने लोकसभा में कहा कि वक्फ संशोधन बिल देश की धार्मिक स्वतंत्रता और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि इस बिल के द्वारा सरकार वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में दखल देगी, जिससे आर्टिकल 26 का उल्लंघन होगा, जो धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप से रोकता है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह बिल बीजेपी सरकार की तरफ से एक नया “धार्मिक विभाजन” पैदा करने की साजिश है, जिससे समाज में और अधिक तनाव पैदा होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि इस बिल के पारित होने के बाद, प्रशासन मस्जिदों और वक्फ संपत्तियों को राज्य की संपत्ति के रूप में देखेगा, जिससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को खतरा हो सकता है। ओवैसी का आरोप था कि इस कानून के लागू होने के बाद, मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर गंभीर असर पड़ेगा और मस्जिदों को सुरक्षा और संरक्षण में कोई अधिकार नहीं मिलेगा, जबकि मंदिरों को संरक्षण मिलेगा।