उन्नाव | हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर फेडरेशन ऑफ इंडियन जर्नलिस्ट्स एंड एक्टिविस्ट्स के तत्वावधान में संगोष्ठी व पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन मंगलवार को किया गया।
गोष्ठी का विषय था, ‘लोकतंत्र के चारों स्तम्भों में जुड़ाव और टकराव’। इसमें वरिष्ठ पत्रकार रामेश्वर पांडेय ने कहा कि जिस तरह शरीर कई अवयवों से मिलकर बना होता है,उसी तरह हमारा लोकतंत्र है। इसमें चारों स्तम्भ जरूरी हैं और सबको अपनी जिम्मदारी समझनी होगी।
वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद गोस्वामी ने कहा कि लोकतंत्र के चारों स्तम्भों में मीडिया का काम है, सबको आईना दिखाना। यही कारण है कि मीडिया की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
गोष्ठी का विषय प्रवर्तन वरिष्ठ पत्रकार दुर्गेन्द्र चौहान ने किया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शान्तनु चैतन्य ने कहा कि जब अधिकारों का अतिक्रमण होता है, तो टकराव होता है। लोकतंत्र के चारों स्तम्भ अपनी-अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से निभाएं, तो देश और मजबूत होगा। चैतन्य ने संगठन के लोकनीति के सिद्धान्तों के बारे में भी बताया।
कार्यक्रम संयोजक और फिजा के प्रदेश प्रमुख महासचिव अरुण अवस्थी ने कहा कि पत्रकारों को एकजुट होने का काम तेजी से हो रहा है। गोष्ठी में एएसपी शशि शेखर सिंह और उन्नाव बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सतीश शुक्ला, युवा पत्रकार दृष्टान्त सिंह ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन वाई. शिवम ने किया।
गोष्ठी के बाद पत्रकारों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से एडवोकेट सुयश श्रीवास्तव, संजय मौर्य, अमन दीक्षित, जितेंद्र सोनकर, विजय प्रताप, विशाल पंडित, उमेश शुक्ला, हर्ष दीक्षित, सूर्य प्रकाश मिश्रा ‘सूर्या’, डॉ. उमेश मिश्रा, डॉ. आराधना गुप्ता, सुरेश सविता, विपिन सिंह, आनंद प्रकाश आदि मौजूद रहे।