चंडीगढ़- एक राष्ट्र, एक चुनाव (वन नेशन, वन इलेक्शन) विषय विचार-मंथन के लिए संयुक्त संसदीय समिति द्वारा अध्ययन दौरे के दौरान आज न्यू चंडीगढ़ में हरियाणा के प्रबुद्ध नागरिकों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों, जनप्रतिनिधियों, चिकित्सा और खेल जगत से जुड़ी हस्तियों ने भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने “एक राष्ट्र, एक चुनाव” की अवधारणा पर गंभीर चिंतन करते हुए अपने विचार प्रस्तुत किए।
प्रतिभागियों ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव से समय, संसाधन और धन की बचत होगी तथा चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और स्थिरता आएगी। इस पहल का उद्देश्य लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की प्रक्रिया को अपनाकर संसदीय प्रणाली को अधिक प्रभावशाली, पारदर्शी और व्यावहारिक बनाना है।
प्रतिभागियों ने एकमत से कहा कि “एक राष्ट्र, एक चुनाव” एक सकारात्मक कदम है। इससे न केवल बार-बार होने वाले चुनावों पर होने वाले भारी खर्च में कमी आएगी, बल्कि इससे प्रशासनिक व्यवस्था पर भी अनावश्यक दबाव कम होगा और विकास कार्यों में तेजी आएगी। इससे देश की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता को भी बल मिलेगा।
संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष सांसद श्री पीपी चौधरी ने प्रतिभागियों के विचारों को गंभीरता से सुना और कहा कि समिति सभी सुझावों का निष्पक्ष मूल्यांकन करेगी। समिति का उद्देश्य व्यापक संवाद के माध्यम से एक समावेशी और व्यवहार्य समाधान तैयार करना है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करते हुए देश की प्रशासनिक और चुनावी प्रणाली को अधिक सक्षम बना सके।
बैठक में संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य श्री अनुराग ठाकुर, श्री ईटी मोहम्मद बशीर, श्री चंदन चौहान, श्री मनीश तिवारी, डॉ संजय जायसवाल, श्री टी. एम. सेल्वागणपति, सुश्री कविता पाटिदार और श्री भुबनेश्वर कालिता ने भी अपने विचार रखे।
बैठक में हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिष्ठित नागरिकों ने भाग लिया, जिनमें श्री तेजिंदर वालिया, प्रोफेसर ऋषि पाल, डॉ. महाबीर सिंह गुड्डु, खिलाड़ी श्री लक्ष्य श्योराण, शिवानी कटारिया, श्री हरविंदर सिंह, डॉ. संत राम देसवाल, समाजसेवी श्री सुभाष डिगाना, डॉ. मंजू शर्मा तथा सुदेश शर्मा शामिल रहे।