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विरोध कर रहे थे वकील डीएम साहब ने कोर्ट में लगा दिया ताला और बाहर कुर्सी और मेज लगाकर करने लगे वादों की सुनवाई

उत्तर प्रदेश – (एम सलीम खान संवाददाता) सिद्धार्थ नगर के जिलाधिकारी उस समय सख्त एक्शन में नजर आए जब अधिवक्ता एक्ट का विरोध कर रहे वकील उन्हें ज्ञापन देने पहुंचे, वकीलों ने जब डीएम साहब को ज्ञापन देने की कोशिश की तों उन्होंने वकीलों के कार्यलय में पहुंचने से पहले ही कोर्ट में ताला जड़ दिया।

और न्यायालय के दरवाजे वकीलों के लिए बंद कर दिए और खुद भी कोर्ट से बाहर आकर खुले आसमान के साए में बैठकर वादों की सुनवाई करने लगे, उत्तर प्रदेश के जनपद सिद्धार्थ नगर में जिला मुख्यालय में अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जिला बार एसोसिएशन, कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन और तहसील बार एसोसिएशन के अधिवक्ता एडवोकेट एक्ट अधिनियम संशोधन का विरोध कर रहे थे।

विरोध प्रदर्शन के बीच जब वकीलों ने सिद्धार्थ नगर के जिलाधिकारी डॉ राजगणपति आर को इस मामले में ज्ञापन देने के लिए उनके कार्यालय का रुख अख्तियार किया तो डीएम साहब ने अदालत के दरवाजे और अंदर से बंद कर दिया और दरवाजों पर ताले लगवा दिए डीएम का यह रवैया देख कर वकील और भड़क गए और उन्होंने जोरदार प्रदर्शन शुरू करते हुए डीएम के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

वकील डीएम के कार्यलय के मुख्य द्वार पर ही धरने पर बैठ गए जिसके बाद डीएम साहब ने खुले आसमान के नीचे टेबल और कुर्सी लगाकर वादों की सुनवाई शुरू कर दी जिसके बाद विभिन्न बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्यों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी और डीएम साहब इस हंगामे को नजर अंदाज करते रहे अपने काम करते रहे, वहीं सरकारी वकील इस दौरान डीएम के सामने अपने मुकदमों की बकायदा पैरवी करते रहे।

डीएम को बाहर देख कर एसडीएम सहित अन्य अधिकारी भी खुले आसमान के नीचे कुर्सियां डाल कर बैठ गए और डीएम साहब वादियों की और सरकारी वकीलों की दलील सुनते रहे, पिछले 15 दिनों से डीएम कोर्ट में अधिवक्ता संशोधन अधिनियम को लेकर वकीलों ने हड़ताल कर रखी है सिद्धार्थ नगर जनपद में तीन बार एसोसिएशन ने न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया हुआ है और तीन बार एसोसिएशन एक मंच पर आकर इस संशोधन अधिनियम का विरोध कर रही है बीते रोज इस मामले को जब वकीलों ने डीएम को ज्ञापन देने की कोशिश की तों डीएम साहब ने वकीलों के लिए अपने दरबार के द्वार बंद कर दिया।

और वहां ताले जड़वा दिए इससे खफा वकीलों ने जमकर नारेबाजी करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया और जिला मुख्यालय में ही धरने पर बैठ गए, हंगामा बढ़ता देख डीएम ने मौके पर भारी पुलिस फोर्स को बुलवा लिया और अपने इर्द-गिर्द पुलिस बल तैनात करवा दिया इस दौरान उन्होंने मेरिट पर लगे मामलों की सुनवाई की वरिष्ठ अधिकारी को बाहर बैठे देख कर अन्य अधिकारी भी बाहर बैठ गये।

और अपना काम काज करने लगे एसडीएम सदर ललित कुमार मिश्रा भी बाहर बैठ कर अपना काम करने लगे इस दौरान जमकर बवाल खड़ा होने की संभावना को देखते हुए जिला मुख्यालय में भारी पुलिस फोर्स को बुलाया गया और पुलिस ने अफसरों की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों से सख्ती से निपटने की चेतावनी दी।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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