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प्रयागराज में पुलिस का सौम्य रूप, मलिन बस्तियों में तिरंगा लगा बता रहे अमृत महोत्सव का महत्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की है जिसके तहत पुलिस विभाग ने सबसे पहले उन क्षेत्रों या जगह को चिन्हित किया है जहां लोग अमृत महोत्सव को लेकर के कम जागरूक हैं। पुलिस के अधिकारी मलिन बस्तियों में रहने वाले हर वर्ग के लोगों को समझाते हुए नजर आ रहे हैं साथ ही साथ उन सभी लोगो को झंडे लगाने की अपील भी करते हुए नजर आ रहे।

प्रयागराज– देश और प्रदेश में आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर धूम है, ऐसे में योगी सरकार से जुड़े पुलिस विभाग की एक अलग तस्वीर भी देखने को मिल रही है। प्रयागराज के अलग-अलग मलिन बस्तियों में पुलिस के जवान घरों पर तिरंगा लगा रहे हैं और लोगों को ‘अमृत महोत्सव’ का मतलब भी समझा रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की है जिसके तहत पुलिस विभाग ने सबसे पहले उन क्षेत्रों या जगह को चिन्हित किया है जहां लोग अमृत महोत्सव को लेकर के कम जागरूक हैं। पुलिस के अधिकारी मलिन बस्तियों में रहने वाले हर वर्ग के लोगों को समझाते हुए नजर आ रहे हैं साथ ही साथ उन सभी लोगो को झंडे लगाने की अपील भी करते हुए नजर आ रहे।

मलिन बस्ती के 100 से अधिक घरों में लगाए तिरंगे झंडे

प्रयागराज के परेड मैदान स्थित मलिन बस्ती में 100 से अधिक परिवार रहते हैं जो बेहद गरीब है। उन परिवारों का गुजारा छोटा-मोटा रोजगार और सफाई करने से होता है। ऐसे में पुलिस विभाग के पदाधिकारियों ने हर घर तिरंगा अभियान के तहत इसी मलिन बस्ती को चुना। प्रयागराज के एडिशनल एसपी दिवेश कुमार शर्मा अपने कई पुलिस जवानों के साथ मलिन बस्ती में पहुंचे और उन्होंने सबसे पहले छोटे-छोटे बच्चों को तिरंगा झंडा दे कर और केक के पैकेट दे कर के उनके चेहरे पर खुशी लाई। इसके बाद एडिशनल एसपी दिवेश कुमार शर्मा ने बच्चों के साथ एक पाठशाला भी संचालित किया जिसमें उनको आजादी के अमृत महोत्सव के बारे में बताया। साथ ही साथ बच्चों को राष्ट्र गान भी सुनाया और सुना। एडिशनल एसपी दिवेश कुमार शर्मा ने योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं और अमृत महोत्सव के बारे में बस्ती के रहने वाले को बताया और सभी लोगो को प्रेरित किया की घर का हर सदस्य अपनी भागीदारी दे।

पुलिस जवानों ने घर में लगाए तिरंगे झंडे तो लोगों में दिखा उत्साह

खाकी वर्दी पहने पुलिस के जवान जब मलिन बस्ती में पहुंचे तो सबसे पहले तो बस्ती में रहने वाले लोगों में यह चर्चा हुई कि आखिर पुलिस जवान और अधिकारी यहां करने क्या आए हैं। लेकिन जैसे ही गाड़ी से तिरंगे झंडे निकाले गए और बच्चों को गिफ्ट के तौर पर केक दिया गया ,तो सभी लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे। मलिन बस्ती में रहने वाले लोगों ने योगी आदित्यनाथ के द्वारा किए गए कामों की जमकर सराहना की। साथ ही जब पुलिस के जवानों ने घरों में झंडे लगाए तो पुलिस विभाग द्वारा किए जा रहे इस कार्य को देख कर के लोग बेहद प्रसन्न हुए। मलिन बस्ती के करीब 100 घरों में पुलिस के जवानों ने तिरंगा झंडे लगाए और इसको लगाए रखने की भी अपील की। पुलिस के अधिकारियों का कहना है की योगी सरकार का स्पष्ट कहना है कि हर घर में तिरंगा लगाया जाय और तिरंगे के महत्व को भी बताया जाए। पुलिस विभाग ने इसी वजह से सबसे पहले मलिन बस्ती को ही चुना क्योंकि यहां पर शिक्षा का अभाव भी रहता है और लोग जागरूक भी कम रहते हैं। इस दौरान खास बात यह दिखी कि काफी लोग अमृत महोत्सव को लेकर के जागरूक थे और उनको तिरंगे झंडे के महत्व के बारे में भी पता था।

स्थानीय लोगों ने सीएम योगी आदित्यनाथ और पुलिस विभाग को दिया धन्यवाद

पुलिस विभाग द्वारा किए गए इस कार्यक्रम के बाद स्थानीय लोग बेहद खुश नजर आए ।उन्होंने योगी सरकार और पुलिस विभाग को धन्यवाद कहा । स्थानीय लोगो का कहना है कि पहली बार ऐसी सरकार आई है जिसने हर वर्ग के लोगो का ख्याल रखा है ।उधर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आगे भी इस तरह की मुहिम जारी रहेगी।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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