उत्तर प्रदेश | करीब दो महीने पहले उत्तर प्रदेश के उन्नाव से लापता हुई युवती का शव मिलने से हड़कंप मच गया है। 8 दिसंबर को लापता हुई 22 साल की इस युवती का शव 11 फरवरी को पुलिस ने मजिस्ट्रेट और परिजनों की मौजूदगी में गड्ढा खोदकर बरामद किया। तीन डॉक्टरों के पैनल ने शव का पोस्टमॉर्टम किया और इसकी पूरी वीडियोग्राफी की गई। एसपी सरकार में पूर्व राज्यमंत्री के बेटे पर युवती की हत्या कर शव कब्र में दफनाने का आरोप लगा है।
सामने आया है कि युवती की हत्या गला दबाकर की गई। उसकी गले की हड्डी टूटी हुई मिली और सिर में भी दो चोटें सामने आई हैं।
क्या है मामला ?
उन्नाव के सदर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली एक दलित युवती बीते 8 दिसंबर 2021 से लापता थी। बेटी के गायब होने पर परिजनों ने 9 दिसंबर को ही पूर्व मंत्री के बेटे रजोल सिंह के खिलाफ तहरीर देते हुए बेटी के अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया था। वहीं, मामला में एसपी के पूर्व राज्यमंत्री और कद्दावर नेता रहे फतेहबहादुर के बेटे का नाम होने के कारण पुलिस लगातार मामले में देरी कर रही थी।
बेटी लापता होने के बाद कोई ठोस कदम न उठाएं जाने और आरोपी राजोल सिंह के खुलेआम घूमने को लेकर पीड़िता की मां कई बार आला अधिकारियों से मिली, लेकिन कुछ कार्रवाई नहीं हुई।
जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो पीड़िता की मां ने 24 जनवरी को लखनऊ में एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव की गाड़ी के आगे कूदकर आत्मदाह की कोशिश की थी।
SP ने कोतवाल को किया सस्पेंड
मामले में लापरवाही दिखाने पर SP उन्नाव ने शहर कोतवाल अखिलेश चंद्र पांडेय को सस्पेंड कर दिया है। पीड़िता के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया था।
दो आरोपी गिरफ्तार
ASP शशिशेखर सिंह ने कहा – “युवती 8 दिसंबर को लापता हो गई थी, जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना कोतवाल में तुरंत लिख दी गई थी. 24 घंटे बीत जाने के बाद इसे एफआईआर में बदल जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ था. मामले में कार्रवाई करते हुए शहर कोतवाल को सस्पेंड कर दिया गया है.”
इस मामले में अब तक दो गिरफ्तारी हुई है। ASP ने बताया कि मुख्य अभियुक्त राजोल सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। राजोल सिंह को 24 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। अब सूरज नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
उन्नाव रेप सर्वाइवर, पीड़िता के परिजनों से मुलाकत कर इंसाफ की माग की। उन्नाव माखी घटना की सर्वाइवर ने कहा कि योगी सरकार में बेटियों को न्याय नहीं मिल रहा है।
“इस सरकार में पीड़ित पर ही मुकदमा लिख दिया जाता है. थाने जाओ तो पुलिस एफआईआर नहीं लिखती. लोग भटकते हैं. आज इस युवती को मार दिया गया. कैसे इस देश की बेटियां जिंदा रहेंगी? कैसे बचेंगे?”
परिजन कर रहे आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग
पीड़िता के परिजन पीएम हाउस के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. परिजनों की मांग है कि आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए। इसके साथ ही परिजनों ने 25 लाख के मुआवजे, पक्के घर और सरकारी नौकरी की मांग की है।