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“मुख्तार अंसारी की मौत पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: यूपी सरकार को दो हफ्ते में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश” मुख्तार अंसारी की मौत पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

मुख्तार अंसारी की मौत पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

मुख्तार अंसारी की मौत पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह दिवंगत नेता मुख्तार अंसारी की मृत्यु से संबंधित चिकित्सा और मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट उनके बेटे उमर अंसारी को दो सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराए।

मुख्तार अंसारी: एक परिचय

मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश के मऊ सदर से पांच बार विधायक रह चुके थे। उनका जन्म 30 जून 1963 को हुआ था। वह एक प्रभावशाली राजनेता थे, जिनके खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे। वर्ष 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया था। 28 मार्च 2024 को बांदा के एक अस्पताल में हिरासत के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी।

मुख्तार अंसारी की मौत पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

उमर अंसारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि उनके पिता की मृत्यु से संबंधित रिपोर्टें राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत नहीं की गई हैं। इस पर न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह दो सप्ताह के भीतर ये रिपोर्टें उमर अंसारी को प्रदान करे, ताकि वे तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल कर सकें।

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मुख्तार अंसारी की मौत पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: पारिवारिक चिंताएं और आरोप

मुख्तार अंसारी की मृत्यु के समय उनके भाई और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने आरोप लगाया था कि मुख्तार को जेल में “धीमा जहर” दिया जा रहा था, हालांकि अधिकारियों ने इस आरोप से इनकार किया था। उमर अंसारी ने भी अपने पिता की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी और दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें उन्होंने अपने पिता को उत्तर प्रदेश के बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने का आग्रह किया था।

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सरकारी प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उमर अंसारी को संबंधित दस्तावेज मुहैया कराए जाएंगे। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मुख्तार अंसारी का पोस्टमॉर्टम किया गया था और बाद में मजिस्ट्रेट जांच भी की गई थी।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद उम्मीद है कि मुख्तार अंसारी की मृत्यु से संबंधित सभी तथ्यों का खुलासा होगा, जिससे उनके परिवार की चिंताओं का समाधान हो सकेगा। यह मामला न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है

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