जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल | उत्तर बंगाल में कल हुई ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है और 37 लोग अस्पतालों में हैं। घायल यात्रियों में से छह की हालत गंभीर है और उन्हें सिलीगुड़ी के उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। अन्य का जलपाईगुड़ी और मयनागुड़ी के अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के मयनागुड़ी कस्बे के पास गुरुवार को बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज सुबह मौके पर पहुँच कर दुर्घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का जायज़ा लिया।
उन्होंने मीडिया से कहा – “हमने पटरियों का विस्तृत निरीक्षण किया है। ऐसा लगता है कि दुर्घटना के कारण उपकरण में अचानक खराबी आई। हमने जांच के आदेश दिए हैं जो मूल कारण का पता लगाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ित परिवारों को मुआवजे का वितरण शुरू हो गया है।
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार उन्होंने कहा – “प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि लोकोमोटिव उपकरणों में गड़बड़ी थी। रेल सुरक्षा आयोग दुर्घटना के मूल कारण का पता लगाने के लिए जांच कर रहा है।”
उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी गुनीत कौर ने एनडीटीवी को बताया कि बीकानेर से गुवाहाटी जा रही एक्सप्रेस ट्रेन के सभी बचे लोगों को आधी रात तक डिब्बों से बाहर निकाल लिया गया। उन्होंने कहा कि अब पटरियों को साफ और बहाल किया जा रहा है।
रेल मंत्री ने कल घटना के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और उन्हें बचाव कार्यों से अवगत कराया। उन्होंने कहा, “हम अपने सभी कर्तव्यों को पूरा करेंगे।”
प्रधानमंत्री ने व्यक्त की संवेदना
Spoke to Railways Minister Shri @AshwiniVaishnaw and took stock of the situation in the wake of the train accident in West Bengal. My thoughts are with the bereaved families. May the injured recover quickly.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 13, 2022
रेल मंत्री ने यात्रियों के लिए मुआवजे का भी ऐलान किया है. मंत्री ने कल घोषणा की थी कि दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को 5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 1 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल होने वालों के लिए 25,000 रुपये दिए जाएंगे।
हादसा शाम करीब पांच बजे हुआ। घटनास्थल से दृश्य से पता चला है कि टक्कर के कारण एक क्षतिग्रस्त कोच दूसरे पर चढ़ गया और कई डिब्बे पलट गए।
राष्ट्रिय आपदा प्रतिक्रिया बल के बचाव कार्य में सहायता करने के लिए आसपास के गाँवों के सैकड़ों लोग पहुंचे।