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प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बदायूं प्रतिज्ञा सम्मेलन में गरजे भाजपा पर साधा निशाना पटेल चौक के सामने बुधवार को विधानसभा स्तरीय कांग्रेस प्रतिज्ञा सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू रहे एवम अध्यक्षता जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ओमकार सिंह ने की इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रदेश सरकार अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने वालों को जेल भेज देती है।

बदायूं: पटेल चौक के सामने बुधवार को विधानसभा स्तरीय कांग्रेस प्रतिज्ञा सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू रहे एवम अध्यक्षता जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ओमकार सिंह ने की इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रदेश सरकार अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने वालों को जेल भेज देती है।

उन्होंने उन्नाव, हाथरस की बेटियों व उनके घरवालों के साथ हुए अत्याचार के मामले का जिक्र किया। साथ ही कहा कि गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे द्वारा लखीमपुर में किसानों की जीप से कुचलकर निर्मम हत्या कर दी गई। इसके विरोध में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पीड़ितों से मिलने गईं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सरकार जनता का भरोसा खो चुकी है।

इस बार वह कांग्रेस को जनादेश देने जा रही है। लल्लू ने कहा कि किसान रातभर जागकर फसलों की रखवाली कर रहे हैं। गोशालाओं में गाय मर रही हैं, लेकिन मुद्दा उठाया जाता तो सरकार जेल में डाल देती है। गन्ना किसान परेशान हैं, उन्हें भुगतान नहीं मिल रहा है। क्रय केंद्रों पर धान की खरीद नहीं हो रही है।

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस महासचिव कुमुद गंगवार ने कहा कि हर चार घंटे में प्रदेश में एक किसान आत्महत्या कर रहा है। महंगाई चरम पर है। गरीब अपना सिलिंडर नहीं भरा पा रहे हैं। किसानों का बीमा करने वाली गुजराती कंपनी के जरिए 28 हजार करोड़ का घोटाला किया गया है। जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ओमकार सिंह ने प्रतिज्ञा की है कि कांग्रेस की सरकार बनने पर महिलाओं को 40 फीसद आरक्षण मिलेगा। प्रदेश में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाएगी।

‘लडकी हूं, लड़ सकती हूं’ के नारे से प्रदेश में बदलाव होने जा रहा है। 32 सालों में प्रदेश बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है। जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष प्रदेश सचिव जितेंद्र कश्यप, शहर अध्यक्ष असरार अहमद, आतिफ खान, सुरेश राठौर, सोमेंद्र यादव, महेश शर्मा, महासचिव राम रतन पटेल, बाबू चौधरी, राजवीर सिंह, विशेष कुमार कठेरिया, बाबू चौधरी, सुशीला कोरी, सुनीता सिंह, रजनी सिंह, नीलम तोमर, सुरभि ने कहा कि किसान रात भर जागकर अपनी फसलों की रखवाली कर रहे हैं ।

गौशालाओं में गो वंश मर रहे हैं। लेकिन किसी के द्वारा यह मुद्दा उठाया जाता है तो सरकार उसे जेल में डाल देती है । जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष शफी अहमद ने कहा कि भाजपा पर निशाना साधा इस अवसर पर चौधरी वफ़ाती मियाँ, राफत अली, महानंद पाल, जाबिर जैदी, जमाल, नेहा ठाकुर, आज़म अली, राम बहादुर कश्यप, मोरपाल सिंह, इदरीश, सूरज, लोधे, मुनेंद्र कनोजिया ने भी विचार व्यक्त किये सम्मेलन में हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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