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उन्नाव दलित केस: दलित युवती के सिर में चोट, गर्दन की हड्डी भी टूटी, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा दलित लड़की के शव का अभी तक अंतिम संस्कार नहीं हो सका है। परिजन कई मांगो को लेकर घाट पर धरने पर बैठे है।

Unnao : उत्तर प्रदेश के उन्नाव से इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आयी है, जहां एक 22 साल की दलित युवती बीते दो महीने से लापता थी, जिसके बाद पुलिस ने राज्य के एक समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री के बेटे के आश्रम के पास से युवती का शव बरामत किया। शव मिलने के बाद से इलाके में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि, अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में लड़की के साथ दरिंदगी का भी खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, लड़की के सिर में चोट और गर्दन की हड्डी भी टूटी पाई गई है।

बता दे कि, दलित लड़की के शव का अभी तक अंतिम संस्कार नहीं हो सका है। परिजन कई मांगो को लेकर घाट पर धरने पर बैठे है। यहां कांग्रेस और बसपा के उम्मीदवार भी मौजूद हैं। इतना ही नहीं घाट पर सिटी मजिस्ट्रेट, एसीपी और 5 थानों की पुलिस फोर्स भी मौजूद है।

पुलिस ने दी घटना की जानकारी-
पुलिस के मुताबिक, लड़की के कथित अपहरण के मामले में सपा के पूर्व मंत्री दिवंगत फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह को 24 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. 25 जनवरी को लखनऊ में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की गाड़ी के सामने महिला की मां ने आत्मदाह करने की कोशिश की थी. महिला की मां ने पुलिस पर विशेष रूप से स्थानीय एसएचओ अखिलेश चंद्र पांडेय पर ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है।

एक आरोपी हुआ गिरफ्तार-
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उन्नाव, शशि शेखर सिंह ने कहा कि, 8 दिसंबर को एक गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की गई थी, जिसके बाद 10 जनवरी को नियमानुसार प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था और जांच के आधार पर शव बरामद कर लिया गया. परिवार के आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि पुलिस ने मामला दर्ज करने में देरी की।

एएसपी ने कहा कि, यह पूरी तरह से सच नहीं है. सबसे पहले एक लापता शिकायत दर्ज की गई, क्योंकि महिला वयस्क थी. जब जांच अधिकारी ने संदेह व्यक्त किया कि आरोपी ने महिला को नुकसान पहुंचाया हो सकता है, पुलिस ने तदनुसार कार्रवाई की और शव बरामद किया. अब तक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. हम उसके साथियों की तलाश कर रहे हैं।

युवती की माँ का फूटा दर्द-
महिला की मां ने कहा कि, मेरी बेटी को राजोल सिंह ने उसके आश्रम में मार डाला और वहीं दफना दिया. मैं पहले आश्रम गई थी. उन्होंने हमें तीन मंजिला इमारत को छोड़कर पूरा परिसर दिखाया था. मैंने एक स्थानीय पुलिस अधिकारी को फोन किया था, लेकिन उन्होंने अपना फोन बंद कर द.या. अगर वह समय पर आए होते, तो मेरी बेटी को जिंदा होती।

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने गुरुवार रात एक वीडियो संदेश जारी कर राजोल सिंह और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि घटना के लिए दोनों समान रूप से जिम्मेदार हैं. मैं मृतक महिला के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री को दो दिन का समय देता हूं. दो दिन प्रशासन के लिए हैं और तीसरा दिन मेरा होगा।

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