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उत्तर प्रदेश : 23 लाख लोगों को ‘झटपट’ मिला बिजली कनेक्शन झटपट बिजली कनेक्शन योजना के तहत उत्तर प्रदेश विद्युत विभाग तेजी से वितरित कर रहा है बिजली कनेक्शन ,बीपीएल और एपीएल समेत सभी श्रेणी के लोग बिजली कनेक्शन के लिए कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन

लखनऊ – योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश सरकार प्रत्येक नागरिक और परिवारों तक मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रयासरत है। इसी दिशा में सरकार ने हर घर को रोशन करने के लिए ‘झटपट बिजली कनेक्शन’ योजना की शुरुआत की है। इस योजना के माध्यम से बीपीएल और गैर बीपीएल समेत सभी श्रेणी में अब तक 23 लाख से अधिक बिजली कनेक्शन मुहैया कराए जा चुके हैं। खास बात ये है कि बीपीएल परिवारों को इस योजना के तहत मात्र 10 रुपए के शुल्क पर बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है जबकि एपीएल श्रेणी में यह शुल्क 100 रुपए है। बीपीएल परिवारों को इस योजना में एक किलोवाट तक का कनेक्शन देने की छूट है।

हर घर होगा रोशन
योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के सभी लोगों को बिजली सुविधाएं प्रदान करना है। खासकर गरीब और वंचितों को जो अपनी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं का लाभ प्राप्त नहीं कर पाते हैं। योजना के तहत उन सभी लोगों को बिजली कनेक्शन कम मूल्य में उपलब्ध कराया जा रहा है।

ऑनलाइन करना होगा आवेदन
उत्तर प्रदेश के निवासियों को अब बिजली कनेक्शन लेने के लिए बिजली विभाग के कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। उत्तर प्रदेश विद्युत विभाग ने इस योजना को पारदर्शी बनाए रखने के लिए ऑनलाइन आवेदन का माध्यम चुना है। उपभोक्ता को बिजली कनेक्शन लेने के लिए झटपट पोर्टल के माध्यम से ही आवेदन करना होगा। शुल्क और अन्य जरूरी जानकारियां देने के बाद उन्हें विभाग की ओर से झटपट बिजली कनेक्शन उपलब्ध करा दिया जाएगा। विद्युत विभाग ने इस पोर्टल पर और भी कई सुविधाएं दी हैं। इसके माध्यम से राज्य के उपभोक्ता गलत बिजली बिल को सही भी करा सकेंगे।

गरीब, वंचितों को फायदा
उत्तर प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए योजना के तहत बिजली का कनेक्शन लेने के लिए 10 रुपए की शुल्क राशि तय की गई है। वहीं एपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए ‘झटपट बिजली कनेक्शन योजना’ के तहत बिजली कनेक्शन लेने के लिए 100 रुपए की शुल्क राशि को जमा करना होगा। योजना के तहत आवेदन करने के 10 दिनों के बाद आवेदक के घर में बिजली कनेक्शन लगा दिया जायेगा।

झटपट बिजली कनेक्शन योजना का लाभ

-बीपीएल, एपीएल समेत सभी श्रेणी के लोग इस योजना के तहत बिजली कनेक्शन प्राप्त कर सकते हैं।

-बिजली कनेक्शन लेने के लिए ऑनलाइन सुविधा प्रदान की गयी है। आवेदन करने के 10 दिनों के बाद लाभार्थी को बिजली कनेक्शन दिया जायेगा।

-मात्र 10 रूपए की भुगतान राशि के माध्यम से बीपीएल श्रेणी के परिवारों को बिजली कनेक्शन लेने का लाभ प्राप्त होगा। और एपीएल श्रेणी के परिवारों को आवेदन करते समय 100 रूपए का शुल्क जमा करना होगा।

-एपीएल और बीपीएल श्रेणी के परिवारों के अलावा अन्य श्रेणी के लोग भी अलग-अलग आवेदन शुल्क के माध्यम से आवेदन कर सकते है।

पात्रता के मानदंड
-योजना के माध्यम से राज्य के वही निवासी बिजली कनेक्शन लेने के लिए पात्र होंगे जिनके पास अभी किसी प्रकार का कोई बिजली कनेक्शन नहीं लिया गया है।

-अगर आप बिजली विभाग के पहले से कोई देनदार है तो इस योजना के तहत आप आवेदन करने के लिए पात्र नहीं होंगे।

-आवेदक योजना के माध्यम से एक ही कनेक्शन लेने के लिए पात्र होगा।

-उत्तर प्रदेश राज्य के स्थायी निवासी ही योजना में बिजली कनेक्शन लेने के पात्र होंगे।

-एपीएल और बीपीएल दोनों श्रेणी के परिवार बिजली कनेक्शन लेने के लिए योजना के तहत पात्र है।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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