पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा व्यवस्था में हुई चूक पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है, इस मामले में जहां बीजेपी पंजाब CM चन्नी के इस्तीफे की मांग कर रही है तो वहीं कांग्रेस इस मामले में बीजेपी पर बात का बतंगड़ बनाने का आरोप लगा रही है, लेकिन इस मामले पर इतना विवाद क्यों? आखिर क्यों इस मामले में बीजेपी दावा कर रही है की सुरक्षा कारणों में चूक हुई है? जब की प्रधानमंत्री के काफिले पर पुरे सस्ते में किसी भी तरह की नकारात्मक गतिविधिया या फिर किसी तरह का हमला नहीं हुआ था, ऐसा BKU के प्रवक्ता का कहना है।
अगर बात करे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक की और प्रधानमंत्री पर हुए हमलें की तो 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अहमदाबाद में रैली कर रहे थे जहां वह सभा को सम्बोधित करते हुए अपने 5 साल के काम काज का ब्यौरा दे रहे थे और काम काज के आधार पर वोट मांग रहे थे। तभी सामने की पंक्ति में बैठे एक शख्स ने उनकी ओर जूता फेककर मारा, हालांकि उस व्यक्ति से स्टेज की दूरी ज्यादा होने की वजह से प्रधानमंत्री को जूता नहीं लगा।
नरेंद्र मोदी थे 2009 में गुजरात के मुख्यमंत्री
आप को बता दे, 2009 में जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर ये हमला हुआ था, उस वक़्त नरेंद्र मोदी खुद गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस मामले पर कांग्रेस ने आलोचना ज़रूर की थी लेकिन प्रधानमंत्री पर जुटे से वार पर न तो सियासी मुद्दा बना और न ही कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की थी।
मनमोहन सिंह ने किया आरोपी को माफ़-
उस मामले के बाद मनमोहन सिंह ने जूता फेकने वाले आरोपी युवक को माफ कर दिया था, और युवक पर केस दर्ज न करने की बात कही थी। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले की आलोचना करते हुए बठिंडा एयरपोर्ट पर अफसरों से व्यंग्यपूर्ण रूप से तंज कस्ते हुए CM चन्नी को थैंक यू बोलने को भी कहा की “मैं ज़िंदा एयरपोर्ट पहुंच गया हु”