रायपुर: महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, पाटन, दुर्ग में 35 सहायक प्राध्यापकों की हुई भर्ती जांच के घेरे में आ गई है। यहां भर्ती किए गए सहायक प्राध्यापक विश्वविद्यालय में ज्वाइनिंग देकर कार्य भी कर रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया की जांच में गड़बड़ी पाए जाने के बाद राजभवन ने विश्वविद्यालय के कुलपति डा. आरएस कुरील को बर्खास्त कर दिया है। अब नियुक्त सहायक प्राध्यापकों की नौकरी पर अंतिम फैसला राज्य सरकार को लेना है। राज्य सरकार अब आगे की कार्रवाई के लिए विधि विभाग से अभिमत ले रही है।
अनुमान लगाए जा रहे हैं कि भूपेश सरकार में हुई इस भर्ती में भी रोक लग सकती है और नियुक्त सहायक प्राध्यापकों की नौकरी जा सकती है। जांच रिपोर्ट के अनुसार, इन सहायक प्राध्यापकों की भर्ती विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की गाइड लाइन के विपरीत हुई है। भर्ती प्रक्रिया में पीएचडी और नेट की परीक्षा के लिए पृथक-पृथक अंक देना था, जो कि नहीं किया गया था। इस कारण बड़ी संख्या में पीएचडी उम्मीदवार उपलब्ध होते हुए भी गैर पीएचडीधारी अभ्यर्थियों का चयन और नियुक्ति हुई है।
कुलपति समेत कुलसचिव-चयन कमेटी की कार्य प्रणाली भी संदिग्ध
जांच रिपोर्ट के अनुसुर, कुलपति ने अपनों को उपकृत करने के लिए पीएचडी धारकों के साथ खेल किया। विश्वविद्यालय में 35 पदों पर हुई प्रोफेसरों, असिस्टेंट प्रोफेसरों व रीडरों की भर्ती में अनियमितता हुई है। समिति में कुलसचिव द्वारा साक्षात्कार के अंक दिए गए थे, परंतु कुछ अभ्यर्थियों के चयन में कुलसचिव को अंक देने से रोक दिया गया था।
प्रबंध मंडल में नामांकित व्यक्ति और विशेषज्ञ विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुरूप नहीं थे। भर्ती के लिए गठित प्रबंध मंडल में भी अनियमितता की शिकायत छात्र-छात्राओं ने कृषि मंत्री रामविचार नेताम से की थी। मंत्री नेताम ने नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित कर दी थी। अब पूरी प्रक्रिया को ही निरस्त करने की तैयारी है।
छत्तीसगढ़ कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा, भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी और आने वाले समय में दी गई नौकरियों को लेकर निर्णय लिया जाएगा, इसके लिए राज्य के विधि विभाग से भी अभिमत लिया जा रहा है। आचार संहिता के बाद ही कार्रवाई होगी।
महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय कुलपति डा. संजय अलंग ने कहा, विश्वविद्यालय में हुई भर्ती में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। इस पर नियमानुसार जांच चल रही है। जांच में जिस तरह के तथ्य आएंगे, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।