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बूस्टर डोज के मामले में यूपी ने अन्य राज्यों के सामने पेश की मिसाल - प्रदेश में 3 सितंबर तक ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों को लगायी जा चुकी है बूस्टर डोज

लखनऊ | वैश्विक महामारी कोरोना से जंग जारी है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रहे बूस्टर डोज (अमृत डोज) अभियान ने देश के अन्य राज्यों के सामने लंबी लकीर खींच दी है। सीएम योगी द्वारा लगातार की जा रही मॉनीटरिंग का ही परिणाम है कि अमृत डोज अभियान में मात्र 45 दिन के अंदर ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों का वैक्सिनेशन हो चुका है, जबकि गुजरात को छोड़कर देश के अन्य राज्य इस आंकड़े के आधे पर भी नहीं हैं। यूपी में 15 जुलाई से शुरू हुआ अमृत डोज अभियान आगामी 30 सितंबर तक चलेगा।

– सीएम योगी के नेतृत्व में चल रहा बूस्टर डोज लगाने का बड़ा अभियान

दूसरे राज्यों के सामने पेश की मिसाल
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार तीन सितंबर तक यूपी ने कुल 37,18,54,092 कोविड डोज लगाकर देश के दूसरे राज्यों के सामने नजीर पेश कर दी है। वहीं अमृत डोज की बात करें तो यहां भी यूपी ने बड़ा कीर्तिमान गढ़ा है। प्रदेश ने अबतक 2,75,47,150 लोगों को अमृत डोज लगाने का रिकॉर्ड बना लिया है। यूपी में 18 से 59 वर्ष के 2,05,85,789 जबकि 60 साल के ऊपर के 69,61,361 लोगों को बूस्टर डोज लगायी जा चुकी है।

– अमृत डोज के मामले में छोटे शहरों का प्रदर्शन सबसे बेहतर

इतने लोगों को लगी डबल डोज
भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार यूपी में तीन सितंबर तक 18 साल से ऊपर के 14,69,51,275 लोगों को कोविड के दोनो डोज लग चुके हैं। 15 से 18 साल के 1,30,98,873 किशोरों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगायी जा चुकी है। ऐसे ही 12 से 14 साल के 75,85,811 बच्चों को भी डबल डोज लग चुकी है।

– साथ ही 37 करोड़ से ज्यादा कोविड वैक्सीन लगाकर प्रथम पायदान पर काबिज है यूपी

अमृत डोज के मामले में छोटे शहरों का प्रदर्शन अच्छा
वैसे तो अमृत डोज लगाने का अभियान प्रदेश के सभी 75 जिलों में चल रहा है, मगर परफॉर्मेंस की बात करें तो छोटे शहरों का प्रदर्शन सबसे बेहतर है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार महोबा का प्रदर्शन यूपी में सबसे अच्छा है। इसी प्रकार क्रमश: रायबरेली, देवरिया, मुजफ्फरनगर, चित्रकूट, कन्नौज, मैनपुरी, पीलीभीत, भदोही और मऊ में अमृत डोज अभियान प्रदेश के औसत (20.6 प्रतिशत) से काफी ऊपर है। इस लिस्ट में प्रदेश के 37 जिले शामिल हैं, जबकि 38 जिलों का प्रदर्शन प्रदेश के औसत से कम है। इन जिलों में टीकाकरण अभियान को और तेज करने के लिए मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है।

– कारोना वैक्सिनेशन के मामले में यूपी के आस-पास भी नहीं हैं दूसरे राज्य

पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है अमृत डोज
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी अपडेट आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के सभी जनपदों में अमृत डोज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उदाहरण के लिए मिर्जापुर में 29180, कासगंज में 10490, अमरोहा में 10830, हरदोई में 20850, बागपत में 12280, मुरादाबाद में 17090, आगरा में 24000, मथुरा में 18710, गौतमबुद्ध नगर में 29010, लखनऊ में 50680, रायबरेली में 34830, मुजफ्फरनगर में 10780, कन्नौज में 6970, पीलीभीत में 13000, मऊ में 17840, महोबा में 5240, देवरिया में 20460, चित्रकूट में 5550, मैनपुरी में 14960 और भदोही में 26810 वैक्सीन डोज उपलब्ध है।

– सीएम योगी खुद करते हैं कोरोना टीकाकरण अभियान की मॉनीटरिंग

सीएम योगी की मॉनीटरिंग और प्रोत्साहन अभियान से दिख रहा रिजल्ट
यूपी सबसे ज्यादा वैक्सीन की डोज देकर देश में टीकाकरण अभियान का सफलतापूर्वक नेतृत्‍व कर रहा है। प्रदेश की इस सफलता के पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से लगातार मॉनीटरिंग और कोविड वैक्सिनेशन के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाना मुख्य कारण है। वहीं बूस्टर डोज के महत्व के बारे में लगातार जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। इन अभियानों के माध्यम से टीकाकरण केंद्रों की जानकारी भी दी जा रही है।

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Budget 2022 : मनमोहन बनाम मोदी, जनिए किस सरकार ने वसूला ज़्यादा TAX नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. बजट में एक आम आदमी की नजर इनकम टैक्स में छूट पर ही रहती है. कोरोना महामारी के चलते आम आदमी की कमाई बहुत प्रभावित हुई है, इसलिए इस बार आम आदमी इनकम टैक्स कोई बड़ी घोषणा की उम्मीद कर रहा है. मोदी सरकार में बढ़ी टैक्स-फ्री इनकम मोदी सरकार में टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश हर बजट में की गई है. मनमोहन सरकार (Manmohan Government) में सालाना 2 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले ही बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी थी. यानी, सालभर में अगर 2.5 लाख रुपये तक कमाते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. आया नया इनकम टैक्स सिस्टम 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. नई स्कीम में ये कहा गया कि अगर आप सारी छूट छोड़ देते हैं तो आपको कम टैक्स देना होगा. नई स्कीम में नए स्लैब भी जोड़े गए. वहीं, पुरानी स्कीम उन लोगों के लिए थी जो छूट का लाभ लेते थे और कई जगह निवेश करते थे. मोदी सरकार में इनकम टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में कितनी कमाई पर कितना टैक्स लगता था. इसे आप इस टेबल से समझ सकते हैं. मोदी सरकार में इनकम टैक्स में हुए बदलाव 2014 : टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा 2.5 लाख से 3 लाख हुई. साथ ही सेक्शन 80C के तहत, टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की गई. 2015 : सेक्शन 80CCD (1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50,000 रुपये की टैक्स छूट. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई करने वालों पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. 2016 : सालाना 5 लाख से कम कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई. घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट 24,000 से बढ़ाकर 60,000 की गई. घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज के लिए 50,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई. 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर सरचार्ज 15 फीसदी किया गया. 2017 : सभी टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये की टैक्स छूट दी गई. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक कमाने वालों के लिए टैक्स रेट 10% से घटाकर 5% किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया. 2018 : सैलरीड क्लास वालों के लिए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाया गया. इसके बदले में 15,000 रुपये के मेडिकल रिइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट खत्म की गई. सेस 3% से बढ़ाकर 4% किया गया. वरिष्ठ नागरिकों की 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम को टैक्स छूट दी गई. साथ ही 50,000 रुपये तक मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट क्लेम करने की भी सुविधा दी. 2019 : टैक्स रिबेट की लिमिट 2,500 से बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 किया. किराए पर टीडीएस की सीमा 2.40 लाख रुपये की गई. पहले ये सीमा 1.80 लाख रुपये थी. बैंक या डाकघरों में जमा रकम पर आने वाले 40,000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया. 2020 : नई इनकम टैक्स स्कीम की घोषणा की गई. अब टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स स्लैब के दो ऑप्शन हैं. पुरानी स्कीम में सारी छूट का लाभ मिलता है, लेकिन नई स्कीम में किसी छूट का लाभ नहीं मिलता है. अगर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं लेते हैं तो नई स्कीम से टैक्स जमा कर सकते हैं. 2021 : 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. पिछले बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई थी.

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